छत्तीसगढ़ में शांति शिखर ध्यान केंद्र का मोदी ने किया उद्घाटन

Prime Minister Narendra Modi in Brahmakumari Function at Nava Raipur November 1, 2025

     नवा रायपुर, 01 नवम्बर 2025: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में आध्यात्मिक शिक्षा, शांति और ध्यान के आधुनिक केंद्र “शांति शिखर” का उद्घाटन किया।

     प्रधानमंत्री ने भारत के विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में ब्रह्माकुमारी जैसी संस्थाओं द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि कई दशकों तक ब्रह्माकुमारी परिवार से जुड़े रहना उनके लिए सौभाग्य की बात रही है।

    मोदी ने कहा कि उन्होंने इस आध्यात्मिक आंदोलन को एक वटवृक्ष की तरह विकसित होते देखा है। प्रधानमंत्री ने 2011 में अहमदाबाद में आयोजित ‘फ्यूचर ऑफ़ पावर’ कार्यक्रम, 2012 में संस्था की 75वीं वर्षगांठ और 2013 में प्रयागराज कार्यक्रम को याद किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली आने के बाद भी चाहे वह आज़ादी का अमृत महोत्सव से जुड़ा अभियान हो, स्वच्छ भारत अभियान हो, या जल जन अभियान से जुड़ने का अवसर हो, जब भी उन्होंने उनसे बातचीत की है तो लगातार उनके प्रयासों की गंभीरता और समर्पण को देखा है।

     मोदी ने ब्रह्माकुमारी संस्था के साथ अपने गहरे व्यक्तिगत जुड़ाव का ज़िक्र करते हुए दादी जानकी के स्नेह और राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी के मार्गदर्शन को अपने जीवन की अनमोल स्मृति बताया। उन्होंने कहा कि वे ‘शांति शिखर – एक शांतिपूर्ण विश्व अकादमी’ की अवधारणा में उनके विचारों को साकार होते हुए देख रहे हैं।

     मोदी ने कहा कि आने वाले समय में यह संस्था वैश्विक शांति की दिशा में सार्थक प्रयासों का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगी। उन्होंने इस सराहनीय पहल के लिए उपस्थित सभी लोगों और देश-विदेश में ब्रह्माकुमारी परिवार के सदस्यों को शुभकामनाएँ दीं।

    प्रधानमंत्री ने एक पारंपरिक कहावत का जिक्र करते हुए  समझाया कि आचरण ही धर्म, तप और ज्ञान का सर्वोच्च रूप है  और सदाचार से कुछ भी अप्राप्य नहीं है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सच्चा परिवर्तन तब होता है जब शब्दों को कर्म में रूपांतरित किया जाता है  और यही ब्रह्माकुमारी संस्था की आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत है। उन्होंने कहा कि यहाँ की प्रत्येक बहन कठोर तपस्या और आध्यात्मिक अनुशासन से गुज़रती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संस्था की पहचान ही विश्व और ब्रह्मांड में शांति की प्रार्थना से जुड़ी है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि ब्रह्माकुमारीज़ का पहला आह्वान “ॐ शांति” है – जहाँ ‘ॐ’ ब्रह्म और संपूर्ण ब्रह्मांड का प्रतीक है और ‘शांति’ शांति की आकांक्षा का प्रतीक है। यही कारण है कि ब्रह्माकुमारी के विचार प्रत्येक व्यक्ति की आंतरिक चेतना पर इतना गहरा प्रभाव डालते हैं।

     प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आज का दिन बहुत ही विशेष है क्योंकि छत्तीसगढ़ अपने गठन के 25 वर्ष पूरे कर रहा है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ के साथ-साथ झारखंड और उत्तराखंड ने भी अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि देश भर के कई अन्य राज्य आज अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं। मोदी ने इन सभी राज्यों के निवासियों को उनके स्थापना दिवस पर अपनी शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा, “राज्यों के विकास से राष्ट्र की प्रगति को बढ़ावा मिलने वाले मार्गदर्शक सिद्धांत से प्रेरित होकर  हम एक विकसित भारत के निर्माण के मिशन में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।”