मुख्यमंत्री की मौजूदगी में नगरीय ठोस अपशिष्ट से कंप्रेस्ड बायोगैस उत्पादन के लिए हुआ एमओयू

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     रायपुर 17 जनवरी 2025:  छत्तीसगढ़ के नगरीय ठोस अपशिष्ट से कंप्रेस्ड बायोगैस उत्पादन के लिए छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण, गेल इंडिया लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम और प्रदेश के 6 नगर निगमों के बीच आज त्रिपक्षीय एमओयू संपन्न हुआ।

     त्रिपक्षीय एमओयू संपन्न होने के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, छत्तीसगढ़ ने स्वच्छ पर्यावरण और नेट जीरो एमिशन के लक्ष्य को पाने की दिशा में बड़ी पहल की है।

     मुख्यमंत्री ने सभी संस्थाओं को इस विशेष एमओयू के लिए शुभकामनाएं दी और कहा कि यह कदम स्वच्छता, ऊर्जा उत्पादन और सतत विकास के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान दिलाएगी।

     साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास में आज एक और महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ रही है। राज्य में सतत योजना के अंतर्गत नगरीय ठोस अपशिष्ट से कम्प्रेस्ड बायोगैस उत्पादन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

     उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में सतत् योजना (Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation) के अंतर्गत नगरीय ठोस अपशिष्ट से जैव ईंधन जैसे कि कम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG) उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं।

     इसी क्रम में छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) के निरंतर प्रयास से नगर पालिक निगम अंबिकापुर, रायगढ़, कोरबा,  बिलासपुर, राजनांदगांव और धमतरी में नगरीय ठोस अपशिष्ट से कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र की स्थापना हेतु सीबीडीए, गेल एवं बीपीसीएल के साथ आज त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया।

     इनमें नगर पालिक निगम अंबिकापुर, रायगढ़, कोरबा और सीबीडीए एवं गेल इंडिया लिमिटेड के बीच तथा नगर पालिक निगम बिलासपुर, धमतरी, राजनांदगांव और सीबीडीए एवं भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के बीच समझौता हुआ।

   परियोजना की प्रमुख विशेषताएं: इस एमओयू के माध्यम से 6 नगर पालिक निगमों के लगभग 350 मीट्रिक टन प्रतिदिन नगरीय ठोस अपशिष्ट एवं लगभग 500 मीट्रिक टन अधिशेष बायोमास का उपयोग जैव ईंधन उत्पादन के लिये किया जावेगा।

     इन 06 संयंत्रों से प्रतिदिन लगभग 70 मीट्रिक टन कंप्रेस्ड बायोगैस का उत्पादन होगा। इन परियोजनाओं में लगभग 600 करोड़ रुपये का निवेश पूर्ण रूप से GAIL और BPCL द्वारा किया जाएगा।

     इसी प्रकार संयंत्रों से होने वाले उत्पादन और बिक्री से राज्य को प्रतिवर्ष लगभग 6 करोड़ रुपये का जीएसटी प्राप्त होगा।

     एमओयू के फलस्वरूप संयंत्रों की स्थापना से उत्पन्न सह-उत्पाद से जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। कचरे के प्रभावी निपटान से ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में कमी आएगी और छत्तीसगढ़ नेट जीरो एमिशन प्राप्ति की दिशा में अग्रसर होगा।

     एमओयू के दौरान मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजु एस, गेल इंडिया, बीपीसीएल, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण और 06 नगरीय निकायों के अधिकारी मौजूद रहे।

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