
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हुए शामिल
रायपुर, 15 जनवरी 2025: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर के 11 वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित करते हुए कहा कि युवाओं को अपने चारों ओर देखना होगा, सिर्फ सरकारी नौकरियां ही जीवन का लक्ष्य न हो। युवाओं के पास अब नये भारत में धरती से लेकर आकाश तक असीमित अवसर हैं।

उप राष्ट्रपति ने कहा कि युवाओं को बदलते तकनीक से तालमेल बैठते हुए कौशल एवं नवाचार के साथ आगे बढ़ें साथ ही जीवन में कभी भी असफलता से घबराएं नहीं बल्कि उससे सीख लेते हुए आगे बढ़ें।
उन्होंने समारोह में सत्र 2022-23 के 78 एवं सत्र 2023-24 के प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले 77 विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, 09 दानदाता पदक, 01 गुरू घासीदास पदक तथा 01 कुलाधिपति पदक सहित 85 पदक प्रदान किये गये।

इसके साथ ही सत्र 2022-23 एवं सत्र 2023-24 के कुल 122 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज बाहुल्य राज्य है। यहां समृद्धि की काफी संभावनाएं हैं, इसलिए विकास की ऐसी रणनीति बनाएं जिससे सामूहिक समृद्धि बढ़े और जन-जन का विकास संभव हो।
राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि विद्यार्थी विविधता का सम्मान करें और देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखें।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा भारत विश्व गुरु के रूप में विख्यात रहा है, इसके पीछे नालंदा और तक्षशिला जैसे ज्ञान-विज्ञान से समृद्ध विश्वविद्यालय रहे हैं। छत्तीसगढ़ की युवा शक्ति की प्रदेश ही नहीं देश के नवनिर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का इकलौता केन्द्रीय विश्वविद्यालय महान संत बाबा गुरु घासीदास जी के नाम पर स्थापित है, जो ज्ञान, समावेशिता और हमारे सांस्कृतिक गौरव के प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि अपनी स्थापना के समय के ही इस विश्वविद्यालय ने छत्तीसगढ़ की बौद्धिक प्रगति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसकी प्रतिष्ठा केवल हमारे राज्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैली है।