रायपुर, 31 दिसंबर 2024: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए आईटी आधारित वित्तीय प्रबंधन प्रणाली लागू करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
छत्तीसगढ़ ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं के वित्तीय प्रबंधन के लिए “जस्ट इन टाइम” (जेआईटी) मॉडल और एसएनए स्पर्श प्रणाली को अपनाया है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि यह प्रणाली फाइनैन्शल फ़्लो को कुशल बनाते हुए धन के संवितरण, ट्रैकिंग और भुगतान की सुविधा प्रदान करती है।
इसके तहत राज्य सरकार ने आरबीआई के ई-कुबेर नेटवर्क के माध्यम से केंद्रीय निधियों और वित्तीय प्रबंधन और सूचना प्रणाली (एफएमआईएस) के माध्यम से राज्य निधियों को एकीकृत किया है। इस पहल ने धन का समय पर उपयोग और वास्तविक समय में व्यय की रिपोर्टिंग भी सुनिश्चित की है।
उन्होंने कहा कि इस सुधार के तहत स्मार्ट भुगतान एल्गोरिदम का उपयोग किया गया है, जिससे ट्रिगर नियमों के आधार पर वास्तविक समय में भुगतान किया जाता है। इससे सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के परिणामों में सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि राज्य में डिजिटल प्लेटफॉर्म और पोर्टल बनाकर सरकारी योजनाओं का लाभ आम जनता तक तेजी और पारदर्शी तरीके से पहुंचाया जा रहा है। इस डिजिटल सुधार की सराहना करते हुए केंद्र सरकार ने पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के रूप में राज्य को 250 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की है।
सूत्रों ने कहा कि डिजिटल इंडिया और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने प्रौद्योगिकी आधारित सुधारों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिक बनाया है। इस प्रोत्साहन से राज्य की अधोसंरचना परियोजनाओं और अधोसंरचना पारिस्थितिकी तंत्र को और बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि प्रौद्योगिकी आधारित सुधार और सुशासन छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास की कुंजी है। उन्होंने कहा, “यह उपलब्धि न केवल प्रशासनिक दक्षता का प्रमाण है बल्कि जनता के प्रति सुशासन के लिए हमारी सरकार के संकल्प का भी प्रमाण है। छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास न केवल राज्य को तकनीकी रूप से मजबूत बनाएगा बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बनेगा।”
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाने के लिए आईटी के उपयोग को बढ़ावा दे रही है। इसके तहत राज्य सरकार ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए धनराशि जारी करने, वितरित करने और ट्रैकिंग करने तथा बेहतर नकदी प्रबंधन के लिए एसएनए स्पर्श के तहत जेआईटी (जस्ट इन टाइम) मॉडल को अपनाया है।
इसके माध्यम से केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए नई प्रणाली के माध्यम से कार्य किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य केंद्र और राज्य की समेकित निधि से सही समय पर धनराशि प्राप्त कर धनराशि के उपयोग को अनुकूलित करना, कुशल भुगतान प्रसंस्करण पर ध्यान केंद्रित करना और व्यय की वास्तविक समय रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान करना है।
इसमें केंद्र प्रायोजित योजना के राज्य के हिस्से की राशि एफएमआईएस (वित्तीय प्रबंधन और सूचना प्रणाली) के माध्यम से जारी की जाती है और केंद्र के हिस्से की राशि आरबीआई के ई-कुबेर नेटवर्क के माध्यम से जारी की जाती है, जिससे वास्तविक समय पर निधि का उपयोग हो रहा है। केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए कुशल निधि प्रवाह प्रणाली के साथ भुगतान सह लेखा नेटवर्क स्थापित करके सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली को सुविधाजनक बनाने के लिए जस्ट इन टाइम के माध्यम से “जस्ट इन टाइम” निधि हस्तांतरण की प्रक्रिया को अपनाया गया है।
इसके अंतर्गत स्मार्ट पेमेंट के तहत एल्गोरिदम के माध्यम से ट्रिगर किए गए नियमों के आधार पर वास्तविक समय में कुशल भुगतान किए जा रहे हैं, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र में वित्तीय प्रबंधन परिणामों को बेहतर बनाने में मदद मिली है।
छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया पहल को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। बेहतर नकदी प्रबंधन के लिए जस्ट इन टाइम मॉडल और पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) डिजिटल इंडिया और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) का समर्थन करता है।
“प्रौद्योगिकी आधारित सुधार और सुशासन तीव्र आर्थिक विकास” वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट विवरण में शामिल रणनीतिक स्तंभों में से एक है। केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन प्रणाली अपनाने के लिए किए गए इस सुधार के लिए भारत सरकार भी पूरा समर्थन दे रही है। इस सुधार के लिए राज्य को पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के लिए भारत सरकार से 250 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। इसके अलावा 250 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि मिलना संभावित है।