
छत्तीसगढ़ में 15,184 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले
नई दिल्ली, 23 दिसंबर 2024: छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में आयोजीत इन्वेस्टर्स कनेक्ट मीट में 15,184 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए।
इन्वेस्टर्स कनेक्ट में राज्य की नई औद्योगिक नीति 2024-30 की खूबियों को साझा करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे निवेशकों के लिए बेहद अनुकूल बताया और देश के प्रमुख उद्योगपतियों और निवेशकों को छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
देश के शीर्ष उद्योगपतियों ने छत्तीसगढ़ में निवेश की इच्छा भी जताई है। कार्यक्रम में पॉलीमेटेक इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के एमडी ईश्वर नंदन ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में 1134 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव रखा, जिससे 100 से अधिक रोजगार सृजित होंगे। वहीं टेलीपरफॉर्मेंस के सीओओ आशीष जौहरी ने 300 करोड़ रुपये का निवेश कर बैक ऑफिस सेंटर स्थापित करने की योजना साझा की।
माइक्रोमैक्स के राजेश अग्रवाल ने सोलर सेल निर्माण में 100 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव रखा। वरुण बेवरेजेज के सीईओ कमलेश जैन ने पेप्सिको बॉटलिंग प्लांट में 250 करोड़ रुपए निवेश करने की इच्छा जताई।
टीडब्लूआई ग्रुप के पुरुषोत्तम और उत्तम सिंघल ने 1650 करोड़ रुपए के निवेश का सुझाव दिया, जिससे 1000 रोजगार के अवसर पैदा होंगे। पैरामाउंट कम्युनिकेशंस के प्रवीण गुप्ता ने 250 करोड़ रुपए के निवेश और 1000 रोजगार की योजना साझा की। रिन्यू पावर लिमिटेड के सुमंत सिन्हा ने पंप स्टोरेज और ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं में 11,500 करोड़ रुपए निवेश करने की योजना साझा की।
निवेशकों को संबोधित करते हुए साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ निवेश की अपार संभावनाओं वाला राज्य है। नई औद्योगिक नीति में उद्योगों को टैक्स, जमीन और बिजली छूट के साथ ही सिंगल विंडो क्लीयरेंस जैसी सुविधाएं दी गई हैं। इस नीति में न केवल उद्योग लगाने पर जोर दिया गया है, बल्कि रोजगार सृजन पर भी जोर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, ऊर्जा, खनन और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। नई औद्योगिक नीति में विशेष सब्सिडी और प्रोत्साहन पैकेज शामिल हैं। डिजिटल सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 से सभी स्वीकृतियां और लाइसेंस प्राप्त करना आसान हो गया है। उद्योग विभाग द्वारा सब्सिडी जारी करने के लिए अधिकतम 3 स्तर और अधिकतम 7 दिन की समय-सीमा सुनिश्चित की गई है।

साय ने कहा, उद्योग लगाने के लिए भूमि उपलब्ध कराने के लिए न्यूनतम सरकार की अवधारणा के तहत 30 प्रतिशत सब्सिडी देकर निजी औद्योगिक पार्कों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर आवेदन के 60 दिनों के भीतर उद्योगों के लिए तैयार और विकसित भूखंड उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उद्योगों की स्थापना और संचालन में सरकारी हस्तक्षेप न्यूनतम हो और जहां तक संभव हो यह स्व-प्रमाणन या ऑनलाइन माध्यम से हो, ताकि आपको उद्योग के लिए सरकार के पास आने की जरूरत न पड़े।”
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने निवेशकों के सवालों का जवाब देते हुए भरोसा दिलाया कि छत्तीसगढ़ सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने राज्य में उपलब्ध बेहतर अधोसंरचना, कुशल मानव संसाधन और शांतिपूर्ण वातावरण के बारे में विस्तार से बताया।
कार्यक्रम में मौजूद उद्योगपतियों ने छत्तीसगढ़ की पहल की सराहना की और निवेश की संभावनाओं पर सकारात्मक चर्चा की। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह निवेशक सम्मेलन छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत और नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ की निवेश आयुक्त ऋतु सेन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उद्योग सचिव रजत कुमार ने उद्योगपतियों से चर्चा करते हुए कहा कि खनिज संपदा और खदानों के लिए प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ अब तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के निर्माण का प्रमुख केंद्र बन रहा है। राज्य अपने औद्योगिक आधार में विविधता ला रहा है और फार्मास्यूटिकल्स, ट्रेन शेल, टेलीविजन और प्रकाश उपकरणों जैसे विविध उत्पादों के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
बस्तर क्षेत्र में निवेश पर विशेष प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री साय ने सम्मेलन में बताया कि बस्तर में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए स्टील इकाइयों और कोर सेक्टर के अन्य उद्योगों को बड़ी राहत दी गई है। लौह अयस्क पर 50 प्रतिशत और कोयले पर 100 प्रतिशत रॉयल्टी छूट का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही उद्योगों द्वारा दी जाने वाली रॉयल्टी और राज्य को मिलने वाले उपकर की 15 वर्षों तक प्रतिपूर्ति की जाएगी।इसके अलावा ग्राम नियानार में 118 एकड़ भूमि पर नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है।
आईआईएम के छात्र निवेश प्रबंधक नियुक्त किए जाएंगे
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा उद्योगपतियों को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके लिए आईआईएम रायपुर के साथ एमओयू कर मुख्यमंत्री औद्योगिक इंटर्नशिप के तहत पासआउट छात्रों को निवेश प्रबंधक नियुक्त किया जा रहा है, जो घर बैठे प्रक्रियाओं को सुगम बनाएंगे।
आधुनिक तकनीकों में निवेश को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स, ग्रीन हाइड्रोजन और डेटा सेंटर जैसी कई नई और आधुनिक तकनीकों का ध्यान रखा गया है। इसके अलावा आईटी, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स और फूड प्रोसेसिंग जैसे सेक्टर भी विशेष होंगे।
इन सेक्टर के उद्योगों को 30 से 50 फीसदी तक की छूट मिलेगी। इसके अलावा कंपनियों को अपना काम शुरू करने के लिए 5 से 12 साल तक टैक्स में छूट दी जाएगी, ताकि वे आसानी से अपना काम शुरू कर सकें।