जीएसटी सरलीकरण और व्यापारियों में जीएसटी के कारण परेशानियों को लेकर सौंपा ज्ञापन

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     रायपुर, 15 दिसम्बर 2024: छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मण्डल राज्य जीएसटी आयुक्त पुष्पेन्द्र कुमार मीणा से जीएसटी में सरलीकरण एवं ई-वे बिल के संबंध में तथा वैट अधिनियम मे प्रारूप-18 वार्षिक स्टेटमेंट की तिथि बढ़ाने हेतु ज्ञापन सौंपा।

     अध्यक्ष पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि 21 दिसम्बर 2024 को होने वाली 55वें जीएसटी काउंसिलिंग की बैठक में सुझाव देने हेतु चेंबर भवन में विभिन्न व्यापारिक- औद्योगिक संगठनों एवं पदाधिकारियों की बैठक संपन्न हुई थी ।

     इसी तारतम्य में कल 14 दिसम्बर को चेंबर प्रतिनिधि मंडल अध्यक्ष पारवानी के नेतृत्व में राज्य जीएसटी आयुक्त पुष्पेन्द्र कुमार मीणा से मुलाकात कर 21 दिसम्बर 2024 को होने वाली 55वें जीएसटी काउंसिल की बैठक के लिए जीएसटी सरलीकरण एवं ई-वे बिल के संबंध में सुझाव तथा वैट अधिनियम मे प्रारूप-18 वार्षिक स्टेटमेंट की तिथि बढ़ाने हेतु ज्ञापन सौंपा।

     इस अवसर पर जीएसटी एडिशनल कमिश्नर द्वय प्रतीक जैन एवं टी आर धुर्वे भी उपस्थित थे।

     पारवानी ने बताया कि 21 दिसम्बर 2024 को होने वाली 55वें जीएसटी काउन्सिल की बैठक में जीएसटी सरलीकरण हेतु सुझाव देने तथा प्रदेश के व्यापारियों में जीएसटी को लेकर आ रही परेशानियों के संबंध में चेंबर भवन में विभिन्न व्यापारिक-औद्योगिक संगठनों एवं पदाधिकारियों की बैठक रखी गई थी जिसमें जीएसटी सरलीकरण को लेकर विभिन्न सुझाव प्राप्त हुए जिसे प्रमुख रूप से चेंबर ने सूचीबद्ध किया।

     इस में में प्रमुख सुझाव है, इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटीआर 2बी के आधार मान्य होने सम्बन्धी प्रावधान को वापस लिए जाएं, यदि क्रेता द्वारा क्रय सम्बन्धी सभी दस्तावेज एवं भुगतान सम्बन्धी समस्त प्रमाण दिए जाए तो विभाग द्वारा विक्रेता पर ही कार्यवाही की जानी चाहिए तथा न्यूनतम दंड पर पुनर्विचार।

     विभिन्न संस्थानों एवं व्यापारियों से प्राप्त जानकारी से यह ज्ञात हुआ है, कि अगर गुड्स रजिस्टर्ड स्थान के अलावा किसी अन्य राज्य में ऑफिसर के द्वारा पकड़ा जाता है, तो उस गुड्स को छुड़ाने के लिए, उस राज्य में अपील फाइल करनी पड़ती है, जहाँ पर गुड्स को पकड़ा गया है, जोकि व्यावहारिक नहीं है।

     जीएसटी की दर में कमी करने तथा एक व्यवसाय एक कर।

     चेंबर अध्यक्ष परवानी ने आगे बताया कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत ई-वे बिल से संबंधित पूर्व अधिसूचना को यथावत रखने चेंबर ने राज्य जीएसटी आयुक्त को ई-वे बिल की संख्या एवं अनुपालन से संबंधित बढ़ती जटिलताओं की जानकारी दी। वर्तमान में प्राप्त छूट हटने के कारण प्रतिदिन ई-वे बिल की संख्या में वृद्धि हो रही है। जिसके कारण जीएसटी विभाग पर अतिरिक्त कार्यभार बढ़ेगा साथ ही साथ इज ऑफ डूइंग बिजनेस के उदेश्य को क्षति भी हो रही है। साथ ही छोटे व्यापारियों को विभिन्न प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

     साथ ही उन्होंने वैट अधिनियम के अधीन प्रारूप-18 वार्षिक स्टेटमेंट प्रस्तुत करने की तिथि वर्ष 2022-23 के लिये फरवरी 2025 तक बढ़ाने, तथा वित्त वर्ष 2023-24 के लिये भी मार्च 2025 तक तिथि बढ़ाने एवं वैट ऑडिट की अनिवार्यता समाप्त करने हेतु राज्य जीएसटी आयुक्त मीणा से आग्रह किया ताकि शासन को और भी राजस्व की प्राप्ति हो सके एवं जो व्यवसायीगण पूर्व में नियत तिथि 30 नवम्बर 2023 तक दाखिल नहीं कर सके थे उसे इसका लाभ प्राप्त हो सके।

    चेंबर के सदस्यों ने कहा इन विषयों पर राज्य जीएसटी आयुक्त ने सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए आवश्यक कदम उठाने की बात कही है।

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