जशपुर, 27 जून 2025: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के ऐतिहासिक एवं प्राचीन श्री जगन्नाथ मंदिर दोकड़ा में 1942 से रथ यात्रा महोत्सव का आयोजन पारंपरिक श्रद्धा, भक्ति और भव्यता के साथ किया जा रहा है।

रथ यात्रा के इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनकी धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय ने जगन्नाथ मंदिर में भगवान श्री जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की।
उन्होंने जगन्नाथ मंदिर में पूरे विधि-विधान से भगवान की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और कल्याण की मंगलकामना की।
साथ ही मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने झाडू से रथयात्रा के मार्ग को बुहारकर छेरा पहरा की रस्म निभाई।

मुख्यमंत्री ने हजारों श्रद्धालुओं के साथ भक्तिभावपूर्वक रथ यात्रा में भाग लिया। पूरा वातावरण जय जगन्नाथ के जयघोष, भजन-कीर्तन और भक्तिमय उल्लास से गूंज उठा। रथ यात्रा मुख्य मार्गों से होते हुए मौसीबाड़ी पहुंची। भगवान नौ दिनों तक अपनी मौसी के घर मौसीबाड़ी में विराजमान रहेंगे। नौवें दिन 5 जुलाई को शुभ वापसी श्री जगन्नाथ मंदिर, दोकड़ा में होगी। यह आयोजन ओडिशा के पुरी धाम की परंपरा के अनुरूप आयोजित किया गया है।
दोकड़ा में सन् 1942 से जारी है रथ यात्रा की परंपरा
रथ यात्रा की शुरुआत दोकड़ा में वर्ष 1942 में हुई थी। इसकी शुरूआत स्वर्गीय सुदर्शन सतपथी एवं उनकी धर्मपत्नी स्वर्गीया सुशीला सतपथी द्वारा श्रद्धा और समर्पण के साथ की गई थी। तब से यह परंपरा निरंतर श्रद्धा और उत्साह के साथ निर्विघ्न रूप से जारी है।
समय के साथ यह आयोजन अब एक भव्य धार्मिक मेले का रूप ले चुका है, जिसमें श्रद्धालुओं की विशाल सहभागिता देखने को मिलती है।
रथ यात्रा के पावन अवसर पर ओडिशा से आमंत्रित कीर्तन मंडलियों ने भक्ति संगीत की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिससे वातावरण भक्तिमय हो उठा। साथ ही रथ यात्रा में अनेक धार्मिक एवं सांस्कृतिक झांकियां भी शामिल रहीं, जो भगवान श्री जगन्नाथ की महिमा और सांस्कृतिक विविधता की भव्यता को अत्यंत आकर्षक रूप में प्रदर्शित कर रही थीं।

नौ दिनों तक चलेगा धार्मिक पर्व
श्री जगन्नाथ मंदिर समिति दोकड़ा के सदस्यों ने बताया कि रथ यात्रा महापर्व नौ दिवसीय भव्य धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर मंदिर परिसर और दोकड़ा गांव पूरे श्रद्धा और उत्साह से सराबोर रहता है।
पूरे महोत्सव के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन, संगीतमय प्रस्तुतियाँ, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ बच्चों और युवाओं के लिए विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जो पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक रंगों से भर देता है।
रथ यात्रा के उपलक्ष्य में दोकड़ा में एक विशाल मेले का भी आयोजन किया गया है, जो इस उत्सव की शोभा को और अधिक बढ़ा देता है।