मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के छेरापहँरा के बाद रायपुर से शुरू हुई रथयात्रा

CM Vishnu Dev Sai

     रायपुर, 27 जून 2025: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर में रथयात्रा शुरू करने से पहले मार्ग पर झाड़ू लगाकर छेरापहँरा की रस्म निभाई।

     ‘छेरापहँरा‘ के बाद जगन्नाथ मंदिर से विशेष विधि-विधान के साथ महाप्रभु जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकाली गई।

     रथ यात्रा प्रारंभ करने से पूर्व भगवान की प्रतिमाओं को मंदिर से रथ तक लाया गया और मार्ग को सोने की झाड़ू से स्वच्छ किया गया। इस परंपरा को छेरापहँरा कहा जाता है।

     इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने सभी प्रदेशवासियों को रथ यात्रा की बधाई देते हुए कहा कि यह पर्व ओडिशा के लिए जितना बड़ा उत्सव है, उतना ही बड़ा उत्सव छत्तीसगढ़ के लिए भी है।

     साय ने कहा कि भगवान जगन्नाथ किसानों के रक्षक हैं। उन्हीं की कृपा से वर्षा होती है, धान की बालियों में दूध भरता है और किसानों के घरों में समृद्धि आती है। मैं भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करता हूं कि इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ में भरपूर फसल हो।

     उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा से मेरी विनती है कि वे हम सभी पर अपनी कृपा बनाए रखें और हमें शांति, समृद्धि एवं खुशहाली की ओर अग्रसर करें।

मुख्यमंत्री ने सोने की झाड़ू से छेरापहँरा की रस्म निभाई

      राजधानी स्थित जगन्नाथ मंदिर में छेरापहँरा परंपरागत तरीके से निभाई जाती है। मुख्यमंत्री छेरापहँरा की रस्म पूरी करते हुए सोने की झाड़ू से मार्ग बुहारकर रथ यात्रा का शुभारंभ किया। इसके उपरांत उन्होंने भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा को रथ तक ले जाकर विराजित किया।

ओडिशा की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में होती है रथ यात्रा

     ओडिशा का पड़ोसी राज्य होने के कारण छत्तीसगढ़ में भी इस उत्सव का व्यापक प्रभाव है। आज निकाली गई रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की विशेष विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई।

     ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ का मूल स्थान छत्तीसगढ़ का शिवरीनारायण तीर्थ है, जहां से वे जगन्नाथ पुरी में स्थापित हुए। शिवरीनारायण में ही त्रेता युग में प्रभु श्रीराम ने माता शबरी के प्रेमपूर्वक अर्पित मीठे बेर ग्रहण किए थे। यहां वर्तमान में नर-नारायण का भव्य मंदिर स्थापित है।

    राज्यपाल रमेन डेका और प्रथम महिला रानी डेका काकोटी ने भी श्री जगन्नाथ जी की विधि-विधान से पूजा अर्चना की।