मौसमग्राम को और अधिक उपयोगकर्ता अनुकूल एवं सुलभ बनाने पर जोर

Union Minister Dr Jitendra Singh

     नई दिल्ली, 12 अक्टूबर 2025: केंद्र सरकार ने “मौसमग्राम” को और भी अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल एवं सुलभ बनाने के लिए इसमें एआई-संचालित तंत्रों को शामिल करने का भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) को सुझाव दिया है।

    केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का दौरा किया और आईएमडी द्वारा विकसित वेब-जीआईएस आधारित बहु-आपदा पूर्व चेतावनी निर्णय सहायता प्रणाली (डीएसएस) की समीक्षा की।

     आईएमडी अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए, सिंह ने बहु-आपदा पूर्व चेतावनी प्रणाली को और विकसित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया ताकि नागरिकों को स्पष्ट और कार्रवाई योग्य चेतावनियाँ प्राप्त हों जो आपदाओं को रोकने में मदद करें और तैयारी एवं सुरक्षा के लिए पर्याप्त समय प्रदान करें।

     उन्होंने “मौसमग्राम” (हर हर मौसम, हर घर मौसम) की भी समीक्षा की, जो नागरिक-केंद्रित प्लेटफ़ॉर्म है जो गाँव स्तर तक अति-स्थानीय, स्थान-विशिष्ट मौसम पूर्वानुमान प्रदान करता है। यह प्रणाली अगले 36 घंटों के लिए प्रति घंटे, अगले पाँच दिनों के लिए तीन घंटे और अधिकतम दस दिनों के लिए छह घंटे का पूर्वानुमान करेगी। नागरिक पिन कोड, स्थान के नाम या अपने राज्य, ज़िले, ब्लॉक और ग्राम पंचायत का चयन करके आसानी से मौसम की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

     सभी आधिकारिक भारतीय भाषाओं में उपलब्ध, “मौसमग्राम” यह सुनिश्चित करता है कि संपूर्ण भारत में उपयोगकर्ताओं को उनके क्षेत्र से संबंधित सही और समय पर मौसम संबंधी जानकारी प्राप्त हों।

     आईएमडी ने अपने पूर्वानुमान और चेतावनी निर्माण प्रक्रिया को पूरी तरह से पुनः तैयार किया है। इससे वास्तविक समय पर अलर्ट प्राप्त करना संभव हो गया है और पूर्वानुमान क्षमताओं में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है – लीड अवधि को 5 दिनों से बढ़ाकर 7 दिन कर दिया गया है, पूर्वानुमान तैयार करने का समय लगभग 3 घंटे कम कर दिया गया है, और सटीकता में 15-20 प्रतिशत तक सुधार किया गया है।

     मिशन मौसम के  कार्यान्वयन, जिसमें उन्नत मौसम संबंधी उपकरणों की स्थापना और कमीशनिंग शामिल है, जिससे 2030 तक आईएमडी की पूर्वानुमान क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होगी,  5×5 किलोमीटर के पैमाने पर गंभीर मौसम संबंधी आपदाओं का पूर्वानुमान, गतिशील प्रभाव-आधारित पूर्वानुमान और सभी के लिए जोखिम-आधारित पूर्व चेतावनी संभव होगी। इस पहल का उद्देश्य 2030 तक हर घर तक पूर्व चेतावनी पहुँचाने के लिए अंतिम-मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है, जिससे “हर हर मौसम, हर घर मौसम” का लक्ष्य प्राप्त होगा।

     केंद्रीय मंत्री ने स्वदेशी, तकनीक-संचालित और नागरिक-केंद्रित मौसम पूर्वानुमान प्रणालियों के विकास की दिशा में विभाग द्वारा की गई उल्लेखनीय प्रगति की सराहना की जो देश भर में आपदा तैयारियों को मज़बूत करती हैं और जन सुरक्षा को बढ़ाती हैं।

     उन्होंने विदेशी विक्रेताओं पर निर्भरता समाप्त करके और ₹5.5 करोड़ की वार्षिक रखरखाव लागत से बचकर ₹250 करोड़ की अनुमानित लागत बचत करने और इस प्रकार “आत्मनिर्भर भारत” पहल के तहत आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए डीएसएस की सराहना की।

     डॉ. जितेंद्र सिंह ने विशाखापत्तनम में आयोजित ई-गवर्नेंस पर 28वें राष्ट्रीय सम्मेलन में ई-गवर्नेंस 2025 के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने पर आईएमडी टीम को बधाई दी।

     इस पुरस्कार के लिए बहु-आपदा पूर्व चेतावनी डीएसएस के माध्यम से सार्वजनिक सेवा वितरण हेतु डिजिटल तकनीक का लाभ उठाने में विभाग के अनुकरणीय प्रयासों को मान्यता दी गई।

     उन्होंने विशेष स्वच्छता कार्यक्रम के तहत विभाग की उपलब्धियों की भी सराहना की जिसमें पुरानी फाइलों और ई-कचरे का निपटान शामिल है, जिससे 30 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ और 600 वर्ग मीटर कार्यालय स्थान खाली हुआ।

     इससे पहले, मंत्री ने भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा नई दिल्ली मुख्यालय परिसर “मौसम भवन” में आयोजित विशेष स्वच्छता कार्यक्रम 5.0 में भाग लिया।

     “एक पेड़ माँ के नाम” पहल के अंतर्गत सिंह ने आईएमडी परिसर में एक पौधा लगाया और 50 “सफाई मित्रों” को स्वच्छता और रखरखाव गतिविधियों में उनके समर्पित योगदान के लिए सम्मानित किया।