नई दिल्ली, 4 अप्रैल 2025: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने रेल मंत्रालय की चार परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है जिसमें छत्तीसगढ़ के खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा 5वीं और 6वीं लाइन परियोजना भी शामिल है जिससे बलौदा बाजार जैसे नए क्षेत्रों को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने रेल मंत्रालय की चार परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है जिनकी कुल लागत 18,658 करोड़ रुपए (लगभग) है। छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र के 15 जिलों को कवर करने वाली ये चार परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 1247 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया की इन परियोजनाओं में खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा 5वीं और 6वीं लाइन के अलावा शामिल हैं संबलपुर-जरापदा तीसरी और चौथी लाइन, झारसुगुड़ा-सासन तीसरी और चौथी लाइन और गोंदिया-बल्हारशाह दोहरीकरण।
सूत्रों ने कहा कि ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हो पाई हैं और लोगों की आवाजाही और वस्तुओं तथा सेवाओं के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी।
इन परियोजनाओं के साथ 19 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा जिससे दो आकांक्षी जिलों (राजनांदगांव और गढ़चिरौली) में कनेक्टिविटी बढ़ेगी। मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 3350 गांवों और लगभग 47.25 लाख आबादी की कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा मार्ग से बलौदा बाजार जैसे नए क्षेत्रों को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी जिससे क्षेत्र में सीमेंट संयंत्रों सहित नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की संभावनाएं बनेंगी।
ये कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, चूना पत्थर आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप प्रति वर्ष 88.77 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन साधन होने के नाते रेलवे, जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (95 करोड़ लीटर) को कम करने और CO2 उत्सर्जन (477 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में मदद करेगा जो 19 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।