आईआईएफटी को गुजरात में ऑफ-कैंपस केंद्र स्थापित करने मिली स्वीकृति

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     नई दिल्ली, 6 मई 2025: केंद्र सरकार ने गुजरात में भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) के एक ऑफ-कैंपस केंद्र की स्थापना को स्वीकृति दे दी है।

     आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने गुजरात के गांधीनगर स्थित गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट) सिटी में आईआईएफटी, नई दिल्ली के एक ऑफ-कैंपस केंद्र की स्थापना को स्वीकृति दी है।

     केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत 1963 में स्थापित, आईआईएफटी अंतरराष्ट्रीय व्यापार में क्षमता निर्माण के लिए समर्पित एक प्रमुख संस्थान है। इसे 2002 में डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी घोषित किया गया था, इसे एनएएसी से ए+ ग्रेड प्राप्त है, और एएसीएसबी द्वारा मान्यता प्राप्त है, जो इसे विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त बिजनेस स्कूलों के चुनिंदा समूह का हिस्सा बनाता है।

     आईआईएफटी को गुजरात ऑफ-कैंपस केंद्र विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) विनियम, 2023 के अनुसार स्थापित किया जाएगा। यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 3 के अंतर्गत यह अनुमोदन, जनवरी 2025 में जारी किए गए आशय पत्र (एलओआई) में निर्धारित शर्तों के साथ आईआईएफटी के सफल अनुपालन के बाद किया गया है।

     इनमें 1,000 से अधिक छात्रों के साथ एक बहु-विषयक संस्थान स्थापित करने के लिए विकास प्रारूप प्रस्तुत करना, योग्य संकाय की उपलब्धता, विस्तृत शैक्षणिक कार्यक्रम, एक स्थायी परिसर की योजना और एक अत्याधुनिक पुस्तकालय का निर्माण शामिल है।

     केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आईआईएफटी को स्वीकृति मिलने पर बधाई देते हुए कहा कि भारत के वैश्विक वित्तीय केंद्र गिफ्ट सिटी में अपना नया ऑफ-कैंपस केंद्र खोलने की स्वीकृति मिलने पर गिफ्ट के अधिकारियों को हार्दिक बधाई।

     इससे संस्थान के प्रमुख कार्यक्रम एमबीए (अंतर्राष्ट्रीय व्यापार) में प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम और अनुसंधान का मार्ग प्रशस्त होगा।

     यह आईआईएफटी के प्रमुख एमबीए (अंतर्राष्ट्रीय व्यापार) कार्यक्रम के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और संबंधित क्षेत्रों में विशेष अल्पकालिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और अनुसंधान प्रदान करेगा।

     यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य बहु-विषयक शिक्षा को बढ़ावा देना और उच्च-गुणवत्ता वाली शिक्षा तक पहुंच का विस्तार करना है।

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